जल न सिर्फ हमारे कंठ को तृप्त करता है, अपितु पानी पर ही हमारी समस्त भौतिक अवशकताएं, हमारा भोजन, हमारी ऊर्जा, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारा इकोसिस्टम आश्रित है. न सिर्फ मनुष्यों अपितु समस्त प्राणियों एवं जीव- जंतुओं की उत्तरजीविता (सर्वाइवल) के लिए भी पानी की उपस्थिति अनिवार्य है.
Every Drop Counts ( via googleimages.com)
World Water Day is observed on 22 March to raise awareness among people all across the globe about the measures taken to ensure water conservation.
इस वर्ष की थीम है " How Do You Value Water" अर्थात हम पानी को उसकी कीमत से परे कैसे महत्व देते हैं।
पानी का महत्व घरों, संस्कृति, स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थशास्त्र और हमारे प्राकृतिक वातावरण की अखंडता के बीच परस्पर जुड़ा हुआ है। यदि हम इनमें से किसी भी मूल्य को अनदेखा करते हैं, तो हम इस परिमित, अपूरणीय संसाधन को गलत तरीके से जोखिम में डालते हैं!
This theme also highlights the essential value of water services be it drinking, saniatation or requirement of water in healthcare services.
Water is one of essential ingrediant in industrial setup too. any slight change in availability of water affects the production of varied products which directly leads to surge in their respective cost and thus inflation arises. Due to water scarcity, flooding and other climate changes disrupt many essential supply chain units all across the globe thereby contributing to mismanagement and chaos.
समय के साथ बढ़ती हुए आबादी, घटते हुए जंगल एवं प्राकृतिक जल-स्रोतों का गिरता हुआ स्तर चिंता का विषय है. एक अनुमान के अनुसार आज समस्त विश्व के अनेकों क्षेत्रों में करीब ७४८ करोड़ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नही है. जिस तीव्र गति से आज बढ़ती हुए आबादी के कारण नगरों का विस्तार होता जा रहा है, जल की उपलब्धता उतनी ही कम होती जा रही है.
आज तेज़ी से बढ़ते हुए ओद्दोगिकीकरण एवं अत्यधिक जनसँख्या के कारण प्राकृतिक वन्य स्थल, जंगल, नदियाँ एवं जीव-जंतु घटते ही जा रहे हैं. वन्य क्षेत्रों की अँधाधुन कटाई, नदियों-जलाशयों का बढ़ता प्रदुषण, वनस्पतियों का लुप्त होना आदि सभी फैक्टर्स पर्वावरण को हानि पहुंचा रहे हैं... also क्लाइमेट चेंज के कारण ही विश्व के अनेक क्षेत्रों में कहीं भीषण बाढ़ आती है और कहीं सूखा पड़ता है, जो की हमारे खाद्यान एवं स्वास्थ्य को डायरेक्टली एफेक्ट करता है
Water Scarcity is a Common Sight n Plight of Many Lives |
The way We Humans are Neglecting Our Ecosystem, No Matter in Which Part of the world We Belong, will Cost Each n Every One Of Us.
Ecosystems that consists of Forests, Wetlands and Grasslands are an integral part of the global water cycle.
आज समय की यह मांग है की हम ज्यादा से ज्यादा ग्रीन बिल्डिंग के कांसेप्ट को अपनाते हुए अपने पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में सार्थक प्रयास करें, सिर्फ सरकार पर आश्रित रहने के बजाए हम सभी को अपने व्व्यक्तिगत स्तर पर जितना को सके उतना परिश्रम करना होगा.. वनों को संरक्षित करें/ ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं, reconnect rivers to floodplains, and restoring wetlands, कृषि कार्यों में आर्गेनिक/ जैविक खाद का उपयोग, ड्रिप इरीगेशन का उपयोग are sustainable and cost-effective way to help rebalance the water cycle, mitigate the effects of climate change and improve human health and livelihoods.
अपनी दैनिक दिनचर्या में कुछ परिवर्तन करके हम सभी लोग पानी को बचा सकते है...
Use Water Wisely
रेनवाटर हार्वेस्टिंग,
पुराने कुँओं/ बावड़ियों की साफ़-सफाई,
तालाबों/नदियों का गहरीकरण आदि में जनमानस की सक्रिय सहभागिता अति आवश्यक है.
बेतहाशा पानी का उपयोग करने की हम सबकी आदत को अब बदलने की जरुरत है, साथ ही वाटर-रीसाइक्लिंग एक अच्छा विकल्प है जिसके द्वारा हम जल को पुनः उपयोग के योग्य बना सके.
The Value of Water Is Much More than It's Price. Take a pledge to Save Water Now.. As Every Drop Counts..!!
Dr. Pooja Pathak
for www.swavalambanrehab.com
( info source- worldwaterday.org unwater.org)
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