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याद रखें ये बोल, पानी है अनमोल... World Water Day

                                    Water water everywhere, not a Drop to drink..!! ( pic: google images) जल, जीवन की ज्योति, जल बिना जीवन की कल्पना करना भी कठिन है. न सिर्फ मनुष्यों अपितु समस्त प्राणियों एवं जीव- जंतुओं की उत्तरजीविता (सर्वाइवल) के लिए भी पानी की उपस्थिति अनिवार्य है.  पानी न सिर्फ हमारे कंठ को तृप्त करता है, अपितु पानी पर ही हमारी समस्त भौतिक अवशकताएं, हमारा भोजन, हमारी ऊर्जा, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारा इकोसिस्टम आश्रित है.  Population explosion, water depletion ( reuters)  समय के साथ बढ़ती हुए आबादी, घटते हुए जंगल एवं प्राकृतिक जल-स्रोतों का गिरता हुआ स्तर चिंता का विषय है.  एक अनुमान के अनुसार आज समस्त विश्व के अनेकों क्षेत्रों में करीब ७४८ करोड़ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नही है. जिस तीव्र गति से आज बढ़ती हुए आबादी के कारण नगरों का विस्तार होता जा रहा है, जल की उपलब्धता उतनी ही कम होती जा रही है. ...

बने समझदार , जाने अपने अधिकार : Consumer Awareness and Protection

Be Smart, know ur producta n aware of ur rights ( pic credit google images) जागो ग्राहक जागो... बने समझदार, जाने अपने अधिकार... Know ur rights ( pic: payfair) It's International Consumer's Rights Day (15 March). This day is an opportunity for promoting the basic rights of all ‪#‎consumers‬, demanding that those rights are respected and protected and protesting about the market abuses and social injustices which undermine them. This year's theme is 'antibiotics off the menu' and the purpose is to raise campaign around the world for fast food companies to stop the sale of meat that has been raised with routine antibiotics. The overuse of ‪#‎antibiotics‬ is creating highly resistant superbugs.  Without urgent action, we are heading for a post-antibiotic era, in which important medicines stop working and common infections and minor injuries can once again kill. Be aware n informed... Dr. Pooja Pathak @Swaval...

एक कदम खुशहाल जिंदगी की ओर.. Early Intervention Program

किसी भी आँगन में बच्चे की किलकारी अपने साथ ढेरों खुशियां और उम्मीदें साथ लेकर आती हैं. परन्तु कभी- कभी इन सारी खुशियां को ग्रहण-सा लग जाता है जब बच्चा किसी विशेष प्रकार की जन्मजात (अनुवांशिक ) या जन्म उपरांत किन्ही कारणों से शारीरिक या मानसिक व्याधियों से ग्रसित हो जाता है. विभिन्न प्रकार की ये रोग बच्चे की सामान्य ग्रोथ और डेवलपमेंट को भी एफेक्ट करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित बच्चा देर से बोलना, चलना, समझना सीखता है.  पहले जहाँ इस प्रकार की व्याधियों को आइडेंटिफाई एवं डायग्नोज़ करने में काफी लम्बा समय लगता था, वहीं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की मदद से आज गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म लेने तक और उसके पश्चयात भी इन व्याधियों का अर्ली इस्टेजेस में ही पता लगाया जा सकता है. अर्ली इंटरवेन्शन प्रोग्राम  अर्थात शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप, इसी प्रकार का विशेष पहचान एवं निदान कार्यक्रम है जो उन बच्चों की पहचान में सहायक होता है जिनमे शारीरिक या मानसिक अक्षमताओं के लक्षण हो.  Bringing families together (image credit: thehindu) The primary goal of Early Interve...

जाने कहाँ गए वो दिन..!!! The Agony of Parkinson's Disease

Parkinson's disease affects the overall persona ( image credit deviantart) पार्किंसन'स रोग  तंत्रिका  तंत्र  को  जीर्ण  करने  वाला  एक  डिजनरेटिव  डिजीज  है  जिसमे  अफ्फेक्टेड  व्यक्ति  के  मस्तिष्क  के  भीतर  मौजूद  न्यूरॉन्स  डोपामिन  नमक  एक  आवशयक  न्यूरो-ट्रांसमीटर  को  बनाने  में  असक्रिय  हो  जाते  हैं , जिसके  फलस्वरूप  अफ्फेक्टेड व्यक्ति    की   मोटर  एक्टिविटीज  ( शारीरिक  संतुलन ) कम हो  जाती  हैं . brain areas affected in parkinson's (image credit: gosouthonline) पार्किंसन'स सामान्यतः  वरिष्ठों  में  होने  वाले  रोगो  के  अंतर्गत  अत  है , जिसके  लक्षण  50 से  60 वर्ष  की  आयु  के  बीच  परिलक्षित  होते  हैं .  लक्षण/ Signs-Symptoms : ...

लागी छूटे ना..!!! The Mechanism of Addiction...

क्या होता है मन-मस्तिष्क के भीतर जब हो जाता है कोई एडिक्टेड.... Addiction takes over the mind  (image credit winecellarage) एडिक्शन या आसक्ति( लत/व्यसन) वह अवस्था कहलाती है जब कोई इंसान किसी ऐसी वस्तु या क्रियाओं को बार-बार लगातार करना चाहता है, जिससे उसे आनंद की अनुभूति होती है. परन्तु यही दोहराव  कुछ समय के बाद उस व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को पूरी तरह प्रभावित करते हुए उसकी नार्मल लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव डालतीं हैं.  Usually, people with an addiction do not have control over what they are doing, taking or using. सामान्यतः आनंद की अनुभूति से प्रारम्भ होकर ये लत इंसान की कमजोरी बनकर उसकी शारीरिक , मानसिक, सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन को बुरी तरह एफेक्ट करती है, परिणामस्वरूप उसकी कार्यशीलता भी कम हो जाती है. एडिक्शन के शिकार व्यक्ति हो इस बात का भान ही नही होता है, और धीरे-धीरे उसका संपूर्ण व्यक्तित्व ही परिवर्तित हो जाता है.  When a person is addicted to something they cannot control how they use it, and become dependent on i...