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Love Thy Eyes - World Sight Day

अगर किसी से पूछा जाए की ईश्वर का मनुष्य दिया का सबसे अनुपम उपहार कौनसा है तो निश्चित ही जवाब मिलेगा हमारी आँखें. 



आँखें है सदा के लिए.. Donate Eye ( Representation image only/ source- fineartamerica)



आँखें जिनसे हम इस दुनिया में बिखरी हुई सारी सुंदरता को निहार सकते हैं. आँखों के बिना जीवन जीने की कल्पना से ही हम सिहर उठते है.







जनसामान्य में अंधत्व, दृष्टिहीनता, विज़न लॉस n नेत्रदान के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से "World Sight Day" का आयोजन अक्टूबर माह के दूसरे बृहस्पतिवार को किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार समस्त विश्व में करीब २८५ मिलियन लोग दृष्टीबाधिता से ग्रस्त है, वही ३९ मिलियन लोग ब्लाइंड हैं. भारत में दृष्टिहीन लोगों की संख्या सबसे ज्यादा ( १२ मिलियन) है, जिनमे से majority of them belongs to low socio-economic background. 


विश्व स्तर पर, कम से कम 1 बिलियन लोगों के पास निकट या दूर दृष्टि दोष है जिसे रोका जा सकता है या अभी तक संबोधित नहीं किया जा सकता है।  दृष्टि हानि सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, जिनमें से अधिकांश 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं। दृष्टि हानि और अंधापन जीवन के सभी पहलुओं पर प्रमुख और दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकते हैं, जिसमें दैनिक व्यक्तिगत गतिविधियाँ, समुदाय के साथ बातचीत, स्कूल और काम के अवसर शामिल हैं।  और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँचने की क्षमता।



विश्व स्वस्थ संगठन के अनुसार भारत में लगभग ४६ लाख से ज्यादा लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से ग्रस्त हैं, जबकि  the rate of eye donation is only 35,000 eyes which cannot fulfill the need of healthy eyes to the common people.  







Fact sheet on Global Vision loss ( image source- cignaglobalhealth)







दृष्टिहीनता के कुछ प्रमुख कारणों  में कॉर्नियल डिजीज, मोतियाबंद एवं कांचबिंद, Refractive errors like myopia/ hyperopia/astigmatism शामिल है, इसके साथ ही किसी प्रकार की दुर्घटना, इन्फेक्शन्स, विटामिन A की कमी, कुपोषण, अनुवांशिक एवं जन्मजात कारणों से भी व्यक्ति दृष्टिबाधित हो सकता है. Acc to WHO, about 65 % of all people who are visually impaired are aged 50 and older, n 19 million children are visually impaired. 






नेत्रदान किसी भी उम्र और लिंग का व्यक्ति कर सकता है. जो व्यक्ति चश्मा लगाते है,  अथवा उच्च रक्तचाप, दमा, मधुमेह  से पीड़ित लोग भी मृत्युपरांत अपनी आँखें दान कर सकते हैं. 





Eye Donation is not only one of the Highest Noble Humanitarian cause but it is also one of the best way to see this Beautiful World even after death. Bring happiness in someone's life... Make a Difference Today... 






Donate Eyes... Spread Smiles...









Dr. P Pathak


for SwavalambanRehab 












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