किसी भी आँगन में बच्चे की किलकारी अपने साथ ढेरों खुशियां और उम्मीदें साथ लेकर आती हैं. परन्तु कभी- कभी इन सारी खुशियां को ग्रहण-सा लग जाता है जब बच्चा किसी विशेष प्रकार की जन्मजात (अनुवांशिक ) या जन्म उपरांत किन्ही कारणों से शारीरिक या मानसिक व्याधियों से ग्रसित हो जाता है. विभिन्न प्रकार की ये रोग बच्चे की सामान्य ग्रोथ और डेवलपमेंट को भी एफेक्ट करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित बच्चा देर से बोलना, चलना, समझना सीखता है.
पहले जहाँ इस प्रकार की व्याधियों को आइडेंटिफाई एवं डायग्नोज़ करने में काफी लम्बा समय लगता था, वहीं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की मदद से आज गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म लेने तक और उसके पश्चयात भी इन व्याधियों का अर्ली इस्टेजेस में ही पता लगाया जा सकता है.
अर्ली इंटरवेन्शन प्रोग्राम अर्थात शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप, इसी प्रकार का विशेष पहचान एवं निदान कार्यक्रम है जो उन बच्चों की पहचान में सहायक होता है जिनमे शारीरिक या मानसिक अक्षमताओं के लक्षण हो.
Bringing families together (image credit: thehindu) |
The primary goal of Early Intervention Program (EIP) is to assure that families who have children from age between birth to three, and who are at risk disabilities or developmental delays, will receive resources and supports that assist them in maximizing their child's development while respecting the diversity of families and communities.
एक अनुमान के अनुसार वर्तमान समय में भारत में करीब ७० से १०० मिलियन लोग किसी न किसी प्रकार की शारीरिक/मानसिक अक्षमताओं से ग्रस्त है, जिनमे २५ से ३५ मिलियन सिर्फ बच्चे ही हैं.
EIP प्रोग्राम उन स्थानों पर बेहद कारगर है जहाँ बुनियादी स्वास्थ सुविधाओं का अभाव है, साथ ही जहाँ पर ऐसे प्रशिक्षकों का भी अभाव है जो इन विशेष बच्चों के पुनर्वास के लिए ट्रेंड हो.
EIP मुख्यतः एक पारिवारिक उपचार एवं लर्निंग प्रक्रिया है जिसमे सरल, सहज शिक्षण- प्रशिक्षण एक्टिविटीज के माध्यम से बच्चों की शारीरिक क्षमता- स्ट्रेंथ, बौद्धिक क्षमता, सामाजिक मेल-मिलाप , स्वास्थ्य एवं पोषण समन्धी सभी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है.
Empowering mothers (image credit google pics) |
किसी भी शिशु के विकास में सबसे ज्यादा मेहनत और योगदान होता है उसकी माता का, शिशु के जन्म से लेकर प्रारंभिक ३ वर्ष तक के विकास को अगर ठीक से ऑब्ज़र्व किया जाये तो उसमे होने वाले डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स को पहचाना जा सकता है. EIP प्रोग्राम माताओं को इन सारे विकास संबंधी चरणों को आइडेंटिफाई करना सिखाता है.
Some major Benefits of EIP include:
Identification of risk factors
Healthy n Happy start (image credit dreamstime) |
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