Water, the essence of life! No life on this planet can exist without water. Although being so much vital for every single life, whole lot of water is wasted every year all around the globe.
To spread awareness about methods of water conservation, World Water Day is celebrated every year on 22 March & the Theme for this year is " Groundwater - Making The Invisible Visible"
दुनिया में लगभग सभी तरल मीठे पानी भूजल है, जो पीने के पानी की आपूर्ति, स्वच्छता प्रणाली, खेती, उद्योग और पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करता है। कई जगहों पर मानवीय गतिविधियाँ भूजल का अत्यधिक उपयोग और प्रदूषित करती हैं। अन्य जगहों पर, हम यह नहीं जानते कि वहां कितना पानी है।
भूजल जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमें इस बहुमूल्य संसाधन का सतत प्रबंधन करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
भूजल प्रदूषण एक विशेष समस्या है जिससे उबरने में दशकों या सदियाँ भी लग सकती हैं।
कुछ स्थानों पर, हम नहीं जानते कि हमारे पैरों के नीचे कितना भूजल है, जिसका अर्थ है कि हम संभावित रूप से महत्वपूर्ण जल संसाधन का दोहन करने में विफल हो सकते हैं।
भूजल की खोज, संरक्षण और स्थायी रूप से उपयोग करना जलवायु परिवर्तन के लिए जीवित रहने और अनुकूलन करने और बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय होगा।
समय के साथ बढ़ती हुए आबादी, घटते हुए जंगल एवं प्राकृतिक जल-स्रोतों का गिरता हुआ स्तर चिंता का विषय है. एक अनुमान के अनुसार आज समस्त विश्व के अनेकों क्षेत्रों में करीब ७४८ करोड़ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नही है. जिस तीव्र गति से आज बढ़ती हुए आबादी के कारण नगरों का विस्तार होता जा रहा है, जल की उपलब्धता उतनी ही कम होती जा रही है.
भूजल दुनिया के ताजे पानी के लगभग 30% का प्रतिनिधित्व करता है। अन्य 70% में से, लगभग 69% बर्फ की टोपी और पहाड़ी बर्फ/ग्लेशियर में कैद है और केवल 1% नदी और झीलों में पाया जाता है। मानव द्वारा खपत किए गए ताजे पानी का औसतन एक तिहाई भूजल मायने रखता है, लेकिन दुनिया के कुछ हिस्सों में यह प्रतिशत 100% तक पहुंच सकता है।
आज तेज़ी से बढ़ते हुए ओद्दोगिकीकरण एवं अत्यधिक जनसँख्या के कारण प्राकृतिक वन्य स्थल, जंगल, नदियाँ एवं जीव-जंतु घटते ही जा रहे हैं. वन्य क्षेत्रों की अँधाधुन कटाई, नदियों-जलाशयों का बढ़ता प्रदुषण, वनस्पतियों का लुप्त होना आदि सभी फैक्टर्स पर्वावरण को हानि पहुंचा रहे हैं... also क्लाइमेट चेंज के कारण ही विश्व के अनेक क्षेत्रों में कहीं भीषण बाढ़ आती है और कहीं सूखा पड़ता है, जो की हमारे खाद्यान एवं स्वास्थ्य को डायरेक्टली एफेक्ट करता है.
भूजल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो दुनिया भर में पीने के पानी का लगभग आधा, सिंचित कृषि के लिए लगभग 40% पानी और उद्योग के लिए आवश्यक लगभग 1/3 पानी प्रदान करता है। यह पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखता है, नदियों के आधार प्रवाह को बनाए रखता है और भूमि अवतलन और समुद्री जल घुसपैठ को रोकता है।
It's high time that we should all make collective efforts to conserve the ground water, make changes in urban planning keeping in mind the strategies of sustainable development.
Remember, every drop counts!
Dr. P Pathak
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