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Mental Health Disorders in Children: Identification & Intervention

*👶बच्चों में होने वाले मानसिक विकार- पहचान एवं निदान*


Healthy Mind, Healthy Life( Representational image only- source: googleimages.com)

बदलती हुई लाइफ स्टाइल, खान-पान की आदतें, लिविंग हैबिट्स एवं स्ट्रेस के कारण न सिर्फ वयस्कों, अपितु बच्चों में भी विभिन्न प्रकार के शारीरिक/ मानसिक रोगों में इजाफा हुआ है।*


*जहां शारीरिक व्याधियों को नोटिस/ आइडेंटीफाई करना अपेक्षाकृत आसान है, वहीं मानसिक विकारों को अर्ली स्टेज में पहचानना थोड़ा मुश्किल है।*

*वर्ष २०११ में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ द्वारा की गई स्टडी के अनुसार हमारे देश के कुल ०-५ वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में से ६.२% बच्चे मेंटल हेल्थ रिलेटेड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। वहीं ५-१८ वर्ष की आयु में स्कूल जाने वाले बच्चों में यह प्रतिशत २३.३३ है!*



बच्चों में होने वाले कुछ प्रमुख मानसिक विकार हैं- 



१.
ऑटिज्म



 
Group Activities enhances social-communication skills in Autism (image: SwavalambanRehab)
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में प्रति १६० बच्चों में से १ बच्चा ऑटिज्म नामक न्यूरोडेवलपमेंटल विकार से पीड़ित हैं। *दिनोंदिन तेजी से इस सामाजिक- मानसिक विकार से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।* कुछ रिसर्चेस के निष्कर्षों के आधार पर यह सामने आया है की किन्ही अनुवांशिक कारणों एवं प्राकृतिक बदलाव की वजह से यह डिसऑर्डर होता है. 


*ऑटिज्म के लक्षण बच्चे के विकास की प्रारंभिक अवस्था ( ८ माह से पॉंच वर्ष की आयु) से दिखाई देने लगते हैं जैसे* –


सामाजिक मेल मिलाप की कमी, बच्चा ज्यादातर दूसरों से अलग (कट ऑफ) रहना पसंद करता है
लेक ऑफ स्पीच ( बहुत कम या फिर बिल्कुल ही नहीं बोलना)

Child with Autism lacks Eye Contact( image: swavalambanrehab)


 आइ कांटेक्ट नहीं होना/ कम होना* ( दूसरे व्यक्तियों से बात करते वक्त नजर नहीं मिलाना)


*अन्य बच्चों की अपेक्षा *स्लो* प्रतीत होना

*परिजनों के प्रति अलूफ रहना*(माता-पिता से कम अटेचमेंट)

*एक ही तरह के खेल खेलना*

२. अटेंशन डेफिसिट हाइपर-एक्टिव डिसऑर्डर ADHD


 
अर्थात ध्यान अभाव सक्रियता विकार, अधिकांश बच्चों में होने वाली सामान्य समस्या है, जिसमे बच्चों की ध्यान एवं एकाग्रता प्रभावित होती हैं. *ADHD एक मस्तिष्क सम्बन्धी विकार है जो बच्चों की कार्य क्षमता को प्रभावित करती है*. कुछ केसेस में बच्चों में यह अतिचंचलता एवं आवेग के रूप में भी दिखाई देती है.


ADHD बच्चों की कुछ विचित्र क्रियाएँ  इस प्रकार होती हैं: 

Engaging in Conceptual Games ⬆️ attention( image: swavalambanrehab)


  • निरंतर इधर-उधर घूमते रहना
  • बैचेनी एवं कुलबुलाहट
  • एक ही स्थान पर अधिक देर तक स्थिर नही बैठना
  • बात नही सुनना
  • व्याकुल रहना
  • अत्यधिक बोलना/ज्यादा बातें करना
  • दुसरो के कार्यो में व्यवधान उत्पन्न करना


 
३. ध्यान-एकाग्रता की कमी के लक्षण :


  • निर्देशों को याद रखने में परेशानी 
  • बात करते समय इधर-उधर देखना 
  • किसी भी कार्य से जल्दी बोर हो जाना 
  • कोई भी एक्टिविटी बीच में ही करना छोड़ देना 
  • किसी भी एक्टिविटी की डिटेल्स को समझ नही पाना 
  • बारम्बार समझने पर भी गलतियां करना 
  • व्यवस्थित काम नही करना 



४. अतिचंचलता  
Structured outdoor acts helps to build focus(image: swavalambanrehab)


  • अनावश्यक रूप से हमेशा इधर-उधर घूमना 
  • खेलते समय ज्यादा शोर करना 
  • बात बात में गुस्सा होना 
  • चिड़चिड़ापन 
  • बैचेन और व्यग्र प्रतीत होना 
  • रिलैक्स नही करना 
  • ज्यादा बातें करना/लगातार बोलते रहना



५. डिस्लेक्सिया


Problem solving activities for concept building( image: swavalambanrehab)
  • देर से बोलना सीखना, 
  • नए शब्दों को सीखने/बोलने में दिक्कत, 
  • कविताएं सुनाने में अटकना, 
  • वाणी अस्पष्ट होना. 
  • अपनी आयु के समान बच्चो से पढ़ाई में पिछड़ना, 
  • स्पेलिंग (शब्दार्थ) लिखते समय गलती करना,
  • लिखावट (हैंड-राइटिंग) अस्पष्ट होना, 
  • सुनी गई बात को समझने और रिप्लाय (उत्तर) देने में परेशानी, 
  • त्वरित निर्देशों को समझ नही पाना, 
  • किसी भी क्रिया को करने की प्रक्रिया स्टेप बाए स्टेप फॉलो नही कर पाना।
  • सिंपल मीनिंग वाली बातचीत के आलावा मज़ाक/जोक्स/ आदि को समझने में परेशानी, 
  • गणित /जोड़-घटाव आदि अंकों से रिलेटेड प्रोब्लेम्स को सॉल्व नही कर पाना



६. इंटलेक्चुअल इंपेयरमेंट

Simple acts improve eyehand coordination+image: swavalambanrehab)


मानसिक मंदता से ग्रसित बच्चों की बौद्धिक क्षमता कम होती है, परिणामस्वरूप वे दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों को पूर्ण  करने के लिए अन्य व्यक्तियों के दिशा-निर्देशों पर निर्भर होते हैं. किसी भी नवीन (नई) एक्टिविटी  को सीखने में उन्हें सामान्य व्यक्तियों से ज्यादा समय लगता है.


मानसिक मंदता की पहचान करने के लिए IQ टेस्ट से व्यक्ति की मानसिक क्षमता का पाता लगाया जाता है. सामान्य जनों में  IQ स्कोर १०० होता है. अगर किसी बच्चे या वयस्क का IQ 70 से कम है तब उसे मानसिक रूप से विकलांग की श्रेणी में रखा जाता है.
विश्व की १ से ३ % तक की आबादी मानसिक मंदता से ग्रस्त है. इसमे से 85 % लोग माइल्ड इंटेलेक्चुअल इम्पेयरमेंट के अंतर्गत हैं.



ऑक्युपेशनल थेरेपी, सेंसरी इंटीग्रेशन थेरेपी, न्युरोडेवलपमेंटल थैरेपी, मल्टी-सेंसरी एप्रोच, प्ले थैरेपी, रेमेडियल एंड स्पेशल एड्युकेशन, स्पीच एंड कम्युनिकेशन स्किल्स आदि अत्याधुनिक थैरेपी प्रोग्राम्स द्वारा बच्चों की मेंटल स्ट्रेंथ एंड फक्शंस को निखारा जाता है, जिससे उनका माइंड ज्यादा फोकस्ड रहे एवं वे अपने दैनिक जीवन में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर होकर अपने डिसिजन स्वयं ले सकें।

मानसिक विकार से पीड़ित बच्चे भी शीघ्र पहचान, उचित ट्रेनिंग, प्रापर थैरेपी द्वारा इंडिपेंडेंट एंड प्रोडक्टिव लाइफ एडेप्ट कर समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकते हैं।





Dr. Pooja Pathak

www.swavalambanrehab.com

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