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सब पढ़ें, सब बढ़े : International Literacy Day

Each One, Teach One..!! सब पढ़ें, सब बढ़ें ...


"सब पढ़ें, सब बढ़ें" Learning Lasts Long ( image credit: childfund.org)

समस्त विश्व में साक्षरता का प्रचार-प्रसार करने एवं उससे होने वाले लाभों को जान-मानस के बीच अवगत करवाने के उद्देश्य से "International Literacy Day/ अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस " का आयोजन ८ सितम्बर को किया जाता है . 






साक्षरता का जीवन में अत्यधिक महत्व होता है, फिर चाहे वो बच्चें हो या व्यस्क, नर हो या नारी, सभी का दैनिक जीवन और उसकी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूर्ण करने के लिए हमारी पढ़ने-लिखने की योग्यता आवश्यक होती है.






Literacy in Digital Way ( pic- unesco.org) 

The theme for this year is " Literacy Teaching & Learning in COVID19 Crisis & Beyond..

As per UNESCO during Covid-19 adult literacy programmes  were suspended with just a few courses continuing virtually, through TV and radio, or in open air spaces.  


This Day provides an opportunity to reflect on and discuss how innovative and effective pedagogies and teaching methodologies can be used in youth and adult literacy programmes to face the pandemic and beyond. The Day will also give an opportunity to analyse the role of educators, as well as effective policies, systems, governance and measures that can support educators and learning.


आज के डिजिटल युग में इंटरनेट की वजह से दुनिया के प्रत्येक भाग के हर एक व्यक्ति तक एक क्लिक करते ही इंटरनेट हमारे लिए सूचनाओं और ज्ञान के नए द्वार खोल देता है, अतः यह जरुरी है की हम इस टेक्नोलॉजी का सही दिशा में उपयोग कर साक्षरता का प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़े. 







One Book, Million Smiles :  Under the Right to Free and Compulsory Education   (RTE) Act, 2009, all Indian private unaided primary schools have been mandated to reserve 25% free seats for children belonging to weaker sections and disadvantaged groups.





साक्षरता सभी नागरिकों का मूलभूत अधिकार है, और यह हम सभी का कर्तव्य है की "पूर्ण साक्षर भारत" की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दे. 





Learning is such a Joy ( googleimages)

अपने घर में मौजूद बच्चों की पुरानी किताबें, कापियां, स्लेट, पेन्सिल्स, चॉक, स्केच पेन्स आदि वस्तुएं जिनका आप उपयोग नही करते हो, ऐसा सभी सामान जरूरतमंद बच्चों एवं वयस्कों को अथवा ऐसी संस्थाओं को दान के रूप में दिया जा सकता है जो शिक्षा का प्रचार/प्रसार करते हों. #donatebooks  





किसी भी राष्ट्र के समग्र निर्माण के लिए उसके नागरिकों का ज्ञान और विवेकशीलता महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पढ़ने-लिखने से न सिर्फ स्वयं किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत विकास होता है, अपितु उसका ज्ञानार्जन समाज को प्रगति की तरफ नविन दिशा भी प्रदान करता है. #knowledgeispower  





Education for better life ( pic credit: cehjournal.org)

As per the latest Census 2011 report, the illiteracy rate in India is 22 per cent. 


About 61.6 per cent men and 38.4 per cent women have studied up to graduation or above. 


According to 2011 census, Kerala is the most literate state with 93.91 per cent, Lakshadweep at 92.28 per cent, Mizoram at 91.58 per cent, Tripura at 87.75 percent and Goa at 87.40 percent. ( info source: indianexpress.com) 








Lets makes younger generations of our Nation Educated... coz "पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया "...





Remember, Educated Minds leads to Prosperous Nation.... 







Dr. P Pathak

www.swavalambanrehab.com

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