Dyslexia: the confusion within (image credit : medicalnewstoday) |
Dyslexia also known as Reading Disability, is a common learning disorder in children. It is characterized by difficulty in reading due to problems identifying speech sounds and learning how they relate to letters and words.
Diagnosis of Dyslexia is based on signs/symptoms related to reading/ learning n academic performance of the children.
डिस्लेक्सिया के कुछ प्रमुख लक्षण :
१ से ६ वर्ष की आयु में:
dyslexia affects early speech development (image credit : momjunction) |
- देर से बोलना सीखना,
- नए शब्दों को सीखने/बोलने में दिक्कत,
- कविताएं सुनाने में अटकना,
- वाणी अस्पष्ट होना.
६ से १५ वर्ष आयु में :
- अपनी आयु के समान बच्चो से पढ़ाई में पिछड़ना,
- स्पेलिंग (शब्दार्थ) लिखते समय गलती करना,
- लिखावट (हैंड-राइटिंग) अस्पष्ट होना,
- सुनी गई बात को समझने और रिप्लाय (उत्तर) देने में परेशानी,
- त्वरित निर्देशों को समझ नही पाना,
- किसी भी क्रिया को करने की प्रक्रिया स्टेप बाए स्टेप फॉलो नही कर पाना,
- किन्ही पर्टिकुलर शब्दों का उच्चारण ठीक से नही कर पाना,
- मातृभाषा के अतिरिक्त कोई अन्य भाषा सीखने में परेशानी.
१५ वर्ष से अधिक :
- पढ़ने में दिक्कत स्पेशली जोर से पढ़ने में,
- धीरे- धीरे पढ़ना,
- सिंपल मीनिंग वाली बातचीत के आलावा मज़ाक/जोक्स/ आदि को समझने में परेशानी,
- गणित /जोड़-घटाव आदि अंकों से रिलेटेड प्रोब्लेम्स को सॉल्व नही कर पाना
By applying specific therapeutic strategies and special education techniques,children with Dyslexia can lead a normal productive life.
Dr. P Pathak
SwavalambanRehab
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