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Dealing with Dementia: Understanding Symptoms


डिमेंशिया मस्तिष्क की क्षमता को प्रभावित करने वाली स्थिति होती है, जिसमे पीड़ित व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता एवं स्मरण शक्ति का ह्रास होता है.  






Dementia affects complete personality of individual (pic source google images)





डिमेंशिया स्वयं एक बीमारी न होकर मस्तिष्क  को एफेक्ट करने वाली कई अन्य बिमारियों का लक्षण मात्र होती है (जैसे एल्ज़ीमर्स डिसीज़ या पार्किंसन डिसीज़). 




एब्नार्मल प्रोटीन्स से बनी हुई प्लाक मस्तिस्क में मौजूद नर्व सेल्स को डेड कर देती है, जिससे दिमाग में सिकुड़न होने लगती है, जो सूचनाओं को प्रवाहित करने वाले नर्व सेल्स को एफेक्ट करती है. 

इस अवरुद्धता के कारण पीड़ित व्यक्ति की सोचने एवं याद रखने की शक्ति कम होती जाती है.जब ये हिप्पोकैम्पस एरिया पर आघात करती है तब इंसान नयी याददाश्त नही बना पाता है ( अर्थात तब किसी भी प्रकार का सीखा गया नविन कार्य इंसान भूल जाता है, क्यूंकि दिमाग उन निर्देशों को स्टोर नही कर पता है).







डिमेंशिया  कई प्रकार का होता है, जैसे एल्ज़ीमर्स,

वैस्कुलर, फ़्रन्टो-टेम्पोरल, वेर्निक-कोर्सकोफ्फ़,

अथवा मिक्स्ड टाइप्स आदि.








डिमेंशिया मुख्यतः वृद्धावस्था में होने वाली कंडीशन है परन्तु वर्त्तमान परिवेश में तेज़ी से बदलती हुई जीवन-शैली के परिणामस्वरूप इसके लक्षण ४० वर्ष की आयु के बाद भी दिखाई देने लगे है.




डिमेंशिया के कुछ मुख्य लक्षण :


- स्मरण शक्ति (याददाश्त ) कमजोर होना

- जरुरी घटनाएँ , तिथियाँ , या लोगों के नाम भूल जाना 

- कोई भी कार्य या प्रक्रिया करने के कुछ समय पश्चात भूल जाना 

- दिशाएं/रास्तें भूल जाना 

- एक ही प्रश्न बार-बार पूछना 

- कोई भी नया कार्य करते समय उसके दिशा-निर्देशों को नही समझ पाना 

- अंकों से सम्बंधित कार्यों को करने में परेशानी ( बिल भरना, खरीददारी करना)

- दैनिक जीवन के कार्य जैसे गाड़ी चलाना, रसोई बनाना आदि में भी दिक्कत होना 

- कन्फ्यूज्ड या भ्रमित होना 

- सामान्य वार्तालाप में परेशानी होना, अपनी बात को ठीक से अभिव्यक्त नही कर पाना, एक ही बात कई बार दोहराना 




give activities to boost your brain (google images)


- स्वयं का सामान रखकर भूल जाना  


- निर्णय क्षमता प्रभावित होना, एक ही दिन में कई बार स्नान करना, स्वयं का ख्याल नही रखना

- सामाजिक मेल-जोल कम करना, ज्यादा समय घर में ही बिताना 

- मूडी होना, जल्दी उदास हो जाना

- अन्य लोगों पर अन्यावशयक संदेह करना, भरोसा नही करना 

- मति-भ्रम होना




डिमेंशिया को उसके प्रोग्रेशन के आधार पर ५ चरणो में विभाजित किया गया है, जो की अफ्फेक्टेड व्यक्ति की अनुभूति और मानसिक कार्यशीलता पर आधारित है. 


डिमेंशिया के डायग्नोसिस के लिए CT स्कैन , MRI , न्यूरो-साइकोलॉजिकल टेस्टिंग, और मिनी-मेन्टल स्टेट एग्जामिनेशन किया जाता है.





keep yourself active n engaged in work ( pic source google images)





डिमेंशिया का कोई निश्चित ईलाज नही है,पर इसके लक्षणों की गति को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ मेडिसिन्स, सेंसरी थेरेपी, फैमिली थेरेपी, आर्ट एंड म्यूजिक थेरेपी, एक्सरसाइजेज, डाइट एवं सही न्यूट्रिशन से पीड़ित व्यक्ति भी अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है.





Dr P Pathak

@swavalambanrehab



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