डिस्टोनिया एक न्यूरोलॉजिकल मूवमेंट डिसऑर्डर है जिसमे अफेक्टेड व्यक्ति की मांसपेशियों में अनियंत्रित रूप लगातार या रुक-रुक कर संकुचन या खिचांव होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति का मूवमेंट या पोस्चर असामान्य हो जाता है, कितनी ही बार हाथों या पैरों में कम्पन ( ट्रेमर्स ) भी होता है.
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Uncontrollable spasms of Dystonia ( pic for representative purpose only, credit: momjunction.com) |
डिस्टोनिया कोई एक मसल ग्रुप या फिर संपूर्ण शरीर को भी एफेक्ट कर सकता है, जैसे की हाथ, पैर, गर्दन, चेहरा, अथवा वोकल कॉर्ड्स. अब तक के रिसर्च में यह पता लगा है की मस्तिष्क में स्थित बेसल गैन्ग्लिया एरिया एवं मूवमेंट को नियंत्रित करने वाले पार्ट में किसी प्रकार का आघात या क्षति होने के कारण डिस्टोनिया होता है.
कुछ मुख्य लक्षण डिस्टोनिया के इस प्रकार है:
एड़ी या पंजे में ऐठन
कुछ दूर चलने के बाद पैर जमीन पर घिसटने लगना ( foot dragging)
नैक क्रैंप , गर्दन का एक ओर मुड़ जाना
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Typical postures in dystonia |
कुछ भी लिखते समय हाथों में कम्पन, हाथों की मांसपेशियों का टाइट हो जाना, उँगलियों का मुड़ जाना
अनियंत्रित होकर पलकों का झपझपना , तेज़ रौशनी या सुन लाइट में आँखों में तकलीफ होना , भारीपन होना
आवाज़ की क्वालिटी में परिवर्तन होना, आवाज़ कर्कश व भारी होना
शरीर में अनियंत्रित ऐंठन/ ट्रेमर
थकान
तनाव
डिस्टोनिया प्रभावित व्यक्ति की मानसिक क्षमता को एफेक्ट नहीं करता है, परन्तु इससे पीड़ित होने पर इंसान को डिप्रेशन या एंजायटी हो सकती है.
Dystonia has been classified into various types according to the specific body part which is affected most by it.
Some of these are:
Generalized : शरीर का ज्यादातर भाग प्रभावित होता है
Focal : कोई एक विशेष भाग की एफेक्ट होता है
Multi-focal : 2 or more unrelated body parts
Segmental : 2 or more adjacent parts of body
Hemidystonia : शरीर के सामान भाग का हाथ एवं पैर
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Types of Dystonia ( image credit: shakeitup.org) |
Dystonia किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, इसे मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया गया है:
1. Early-onset dystonia : begins with symptoms in the limbs , may progress to involve other regions. Some symptoms tend to occur after periods of exertion and/or fluctuate over the course of the day.
2. Adult-onset dystonia : involves one or adjacent parts of the body, most often involving the neck and/or facial muscles. Acquired dystonia can affect other regions of the body.
Dystonias often progress through various stages. Initially, dystonic movements may be intermittent and appear only during voluntary movements or stress. Later, individuals may show dystonic postures and movements while walking and ultimately even while they are relaxed. Dystonia can be associated with fixed postures and shortening of tendons.
डिस्टोनिया का उपचार : Managing Dystonia
अभी तक मेडिसिन में कोई निश्चित इलाज नहीं है जो डिस्टोनिया के प्रोग्रेशन को रोक सके, पर इसके कुछ लक्षणों की रोकथाम के लिए अनेक विकल्प मौजूद है, जैसे:
Botulinum toxin,
Medicines such as Anticholinergic agents, Dopaminergic agents,
Deep Brain Stimulation
Physical Therapies
Occupational Therapy
Postural Awareness
Ergonomics
Speech Therapy
Relaxation Therapy
Bio-feedback
Stress Management, etc.
It's painful to have Dystonia, but with active lifestyle n following the guidance given by Health Care Professionals will generate positive results...
Stay Healthy..!!
Dr. Pooja Pathak
for Swavalamban Rehab
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