International Day for Biological Diversity (World Biodiversity Day) is observed every year on 22nd May, to raise awareness about the issues related with helping and preserving biological diversity all across the globe.
Wake b4 it's too late - Preserve Biodiversity ( image credit: googleimages) |
This year's theme is " Our Solutions Are In Nature which emphasize on living with Harmony in Nature".
As per UN, the current negative trends in biodiversity and ecosystems will undermine progress towards 80% of the assessed targets of 8 Sustainable Development Goals.
Three-quarters of the land-based environment and about 66% of the marine environment have been significantly altered by human actions.
1 million animal and plant species are now threatened with extinction.
Aleast 40 per cent of the world’s economy and 80 per cent of the needs of the poor are derived from biological resources.
Protecting endangered species ( image credit: indiasendangered.com) |
समस्त विश्व में खतरे में शामिल वनस्पतियों एवं अन्य जैव-जंतुओं के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.
मानव जीवन के लिए जैव विविधता का होना अत्यंत हे आवशयक है क्यूंकि ये सब पारिस्थितिकी (इकोसिस्टम) के अभिन्न अंग हैं.
वर्तमान समय में जहाँ मानव ने विकास के नए आयाम स्थापित किये हैं, अपना जीवन सभी प्रकार की अत्याधुनिक तकनीक को विकसित कर आरामदायक बनाया है, वही वन्य प्राणियों एवं अनेकों प्रकार की वनिस्पतियों का विलोपन भी इसी विकास के भेंट चढ़ गया.
On verge of extinction ( image credit: downtoearth.com) |
मानव सभ्यता ने केवल अपने स्वार्थपूर्ण उद्देश्यों के लिए अन्धाधुन्द वनों की कटाई कर न जाने कितने हे बेजुबान प्राणियों से उनका आश्रय स्थल छीन लिया.
अवैध शिकार और तस्करी की वजह से कितनी हे वन्य पशुओं की संख्या अब नाम मात्र ही रह गयी है.
भारत का अधिकांश भूभाग विभिन्न प्रकार के वन्यजीव प्राणियों की आश्रय स्थली रहा है.
Fighting for survival |
परन्तु समय के साथ बढ़ती आबादी के कारण जंगलों की अंधाधुन कटाई से इन प्राणियों का नेचुरल हैबिटैट बहुत ज्यादा एफेक्ट हुआ है.
इसी के परिणामस्वरूप अक्सर जंगली-जानवर शहरी या रिहायशी इलाकों में भोजन - पानी की तलाश में आ जाते है.
जैव विविधता न सिर्फ वन्य प्राणियों अपितु मानव जीवन और सर्वाइवल के लिए भी अति महत्यपूर्ण है. बायो-डाइवर्सिटी का ख़त्म होना सीधे तौर पर हमारे क्लाइमेटिक पैटर्न को एफेक्ट करता है.
Threats on extreme temperature, precedential rainfall, hash cyclones, endangered species, depleted watersheds, denuded forests, receding wetlands and other harmful effects of human activities are just some of these many issues.
जैव विविधता न सिर्फ वन्य प्राणियों अपितु मानव जीवन और सर्वाइवल के लिए भी अति महत्यपूर्ण है.
counting a few ( image credit: thebetterindia.com) |
बायो-डाइवर्सिटी का ख़त्म होना सीधे तौर पर हमारे क्लाइमेटिक पैटर्न को एफेक्ट करता है. अतिवर्षा या अल्पवृष्टि, सूखा, बढ़ता प्रदुषण, घटता जल-स्तर आदि सब इसी का परिणाम है.
Such conditions will ultimately affects agriculture n food production, alters soil quality n its fertile value.
love n protect |
Colors, Warmth, Vibrancy, Love...
Nature has Given Us All..
Now, Its Our Turn..
समस्त मानव जाति का यह कर्त्तव्य है की खात्मे की कगार पर पहुंच चुके इन अमूल्य वन्य-जीवों की प्रजाति के संरक्षण के लिए अपना योगदान दें.
Hence, take a pladge today to Protect n Preserve BioDiversity....
Dr. P Pathak
@ Swavalamban Rehab
( info source: sangaiexpress)
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